Friday 25 April 2008

सरदी लग गई नहाने से

युनुस भाई की बात सुनकर "कर्कश" साहब को जोश आ गया और वह नहाने निकले.गरमी तो थी ही फटाफट पोखर में नहा लिये. देखिये क्या हाल हुआ.पेश है चंद सर्द शेर.

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सर्दी लग रही थी और बदबू का झोंका आया था
पता चला कि आपने गंदे पोखर में नहाया था

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छींकते छींकते नाक में दम था
पर नहा तो लिया ये क्या कम था

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सर्दी लग गयी है नहाने से
क्या कहें हम इस जमाने से
दाद सुनके हम को जोश आ गया
अब तो बाज आओ हमको आजमाने से

"कर्कश कुमांऊनी"

6 comments:

विनीत कुमार said...

गर्मी में सर्दी लग जाने से मरजिया रोग हो जाता है, जिसमें जिसको खाने से जीना होता है उसी को खाने से मरना भी होता है,कुछ-कुछ इश्क की तरह इसलि बच-बचा के।

विनीत कुमार said...

गर्मी में सर्दी लग जाने से मरजिया रोग हो जाता है, जिसमें जिसको खाने से जीना होता है उसी को खाने से मरना भी होता है,कुछ-कुछ इश्क की तरह इसलि बच-बचा के।

Shiv said...

मज़ा तो आ ही गया उनको आजमाने में
ये उनकी मर्जी कि शिकवा करें जमाने में
नहाकर पोखर में सर्दी लगी तो क्या टूटा
जाम का टूटना बाकी अभी मयखाने में

सुजाता said...

कह दो खुल के ज़माने से ,
जाती नहीं गन्दगी नहाने से ,
वहम है साफ पानी का साफ होना ,
इसलिए डरते नही पोखर मे मुँह डुबाने से ...

वाह ! वाह !

दीपक said...

बरस चार गुजार दिये पहाडो पे बर्फ़ गिरने के बहाने ’
भैय्या काकेश गर्मी आयी ,अब जी भर के नहा ले "
नदिया सुख गयी ,नल है बंद पडा "
एक टैंकर पानी मुनसीपाल्टी से मँगवा ले "

राज भाटिय़ा said...

भाई यह तो पता लगाओ पोखर का पानी पहले से ही गंदा था या नहाने के बाद हुया हे,