Friday, 11 April 2008

लुत्फ़-ओ-मस्ती उनको आया, और तू उल्लू हो गया

एक ही बोतल से पी, होटल में, दोनों ने शराब
लुत्फ़-ओ-मस्ती उनको आया, और तू उल्लू हो गया

- शायर-ए-आज़म अकबर इलाहाबादी

2 comments:

दीपक said...

बहूत सही !!! दोबारा उल्लु नही बनना

राज भाटिय़ा said...

इसे कहते हए संगत का असर