Monday, 7 April 2008

रस परिवर्तन

जब प्रेमी ,प्रेमिका चाँदनी रात मे मिले ,तो श्रृंगार रस का हास्य रस मे
परिवर्तन देखिये ""
प्रेमी ने कहा ,देखो ये पुनम का चाँद हमसे क्या कह रहा है "
प्रेमिका ने कहा ,चल हट पगले तेरा नाक बह रहा है

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