Wednesday, 16 April 2008

दोस्ती को प्लस करो !

दोस्ती को प्लस करो

दुष्मनी को माईनस करो

खुशी को मल्टीप्लाई करो

ग़म को डिवाइड करो

क्या पता कल हो न हो

प्यार को एन्ज्वॉय करो

6 comments:

डॉ .अनुराग said...

mahodya ye sher nahi hai ,ek purana sms jaroor hai..

VIMAL VERMA said...

हां मित्र ये पुराना है और पर smsईय शेर तो बनता दिखाई दे रहा है....आपने इसे पहचाना, आपका शुक्रिया

Shiv said...

बहुत सही है... गणित में कमजोर छात्र भी कम से कम इतना तो कर ही सकता है...

mamta said...

:)

इष्ट देव सांकृत्यायन said...

अरे भाई पर्सेंटेज-वर्सेंतेज निकलने की बात तो आई ही नहीं.

विजयशंकर चतुर्वेदी said...

वैधानिक चेतावनी: गणित में चाहे जितना मजबूत रहो लेकिन महबूबा को 'क्रॉस मल्टीप्लाई' कभी न करो.