Wednesday, 30 April 2008

थियोरी ऑफ रिलेटिविटी का दूसरा शेर


कल मैंने थियोरी ऑफ रिलेटिविटी का पहला शेर अर्ज़ किया था ।

आज
अर्ज है
थियोरी ऑफ रिलेटिविटी
का
दूसरा
शेर
.....

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..
....................

सड़क पर दूर से देखा तो थूक नज़र आ रहा था
और पास जाकर देखा तो कमबखत थूक ही था ।
छी छी छी ।

3 comments:

कुश said...

कहते है दाद पर थूक लगाने से दाद ठीक हो जाता है.. पर हम आपकी थूक पर दाद देते है..

अनूप भार्गव said...

और चख के देखा तो कम्बख्त स्वाद भी ....

थू थू थू ....

डॉ .अनुराग said...

aap doosre ainsteen banege.....