Saturday, 3 May 2008

इस जीवन में प्यारे गर होना है तुझे सफल
लोग पकौडे तलें तेल में, तू पानी में तल
मुझको मेरी नज्म सूना के, वह मुझसे हो बोले
कहिये कैसी लगी आपको मेरी ने ग़ज़ल

3 comments:

दीपक said...

मैने फ़्रीज मे दो दर्जन अँडे और आधा दर्जन टमाटर सँभाल के रखे है आपको दाद मे देने के लिये ""आयेंगे तो लेते आयेंगे त तक वो अच्छे से सड भी जायेंगे ""
गर आप हँस रहे है और शुक्रिया अदा करना चाहते है तो मै कुवैत मे हूँ ,यदि नाराज है और खाज देने का इरादा है तो मै मुनिष जी के मयखाने मे रहता हूँ

मुनीश ( munish ) said...

Deepu naughty hota ja ra hai Shreya ji ,shayad weekend ke karan. pls don't take him seriously.nice shaayri!

रश्मि प्रभा... said...

kya khoob kaha hai......