Monday, 26 May 2008

जेब से पौव्वा निकला

जिसे कोयल समझा वो कौव्वा निकला
आदम कि शकल मे हौव्वा निकला
हमे जो पिने से रोकते रहे शराब
आज उन्ही के जेब से पौव्वा निकला

3 comments:

मुनीश ( munish ) said...

khaali ya bhara? mast mahaul ke liye shukriya Deepak bhai!

दीपक said...

जो पी चुके उनका खाली जो पीने वाले है उनका भरा cheers munish jee

Tarun said...

hmmmm

Muh me raam bagal me churi
samajh nese pehle pee gaye puri