Thursday, 22 May 2008

वो नादान है दोस्तो

वो हमारा इम्तेहान क्या लेगी,
मिलेगी नजर तो नजर झुका लेगी
उसे मेरी कब्र पर दिया जलाने को मत कहना
वो नादान है दोस्तो अपना हाथ जला लेगी

4 comments:

कुश said...

बड़ा ही महँगा शेर पेल दिया आपने

समय चक्र said...

bahut badhiya sher dhanyawaad

हरिमोहन सिंह said...

रस्‍ते का माल सस्‍ते में
पर ये तो लाजवाब है जी

Tarun said...

sahi keha hai ashok dajyu, abhi uppar kahin par reha tha koi khanjar ki nauk se merham lagane ki keh reha tha.....yaani kahin koi jale pe namak na cherde type