Thursday, 21 February 2008

चप्पल के बाद अब कीचड़ की बारी

भाई मुनीश के लिए एक पूर्ण पतित कॉमिक आमन्त्रण:
भेज रहा हूं पतन निमन्त्रण, प्यारे तुम्हें पटाने को
ये कीचड़ के महाग्रास, तुम भूल न जाना खाने को.

2 comments:

मुनीश ( munish ) said...

लेचाडिया वाद के बाद ये केचाडिया वाद की बढ़िया अधोगामी अभिव्यक्ति है.!

मनीषा पांडे said...

केचडियावाद की जय हो.... खाली मुनीश को भेजे हैं पतन निमंत्रण, जबकि मैं तो कब से हल्‍ला मचाए हूं, अपनी पतनशीलता का.... अब क्‍या लाउडस्‍पीकर लेकर चिल्‍लाऊं, तब सुनेंगे...