Friday 1 February 2008

एक बार फिर .........(सिग्नेचर शेर )



कमबखत एक खाज है ये शाइरी जिसको हमें खुजाना है / इसके-- उसके ब्लौग पे तकना ये तो फ़क़त बहाना है !!

No comments: