चने के झाड़ पर चढाने के अर्थ होता है झूठी प्रशंसा और चापलूसी करके किसीको फुला देना और कोई भी काम करवा लेना, और बाद में उसके मजे भी लेना .
आज कल चने के झाड़ पर चढ़ाने का बड़ा फैशन है । हर कोई एक दूसरे को चने के झाड़ पर चढ़ा रहा है और उसके बाद जो हालत चने के झाड़ पर चढ़ने वाले की होती है वो तो ऊपर वाला ही जानता है । ब्लागिंग में भी आजकल चने के झाड़ पर चढ़ाने का खेल खूब चल रहा है तू मुझे चढ़ा मैं तुझे चढ़ाऊं वाली स्टाइल में । मेरे एक मित्र हुआ करते थे मिर्जा इछावरी उन्होंने ''खुदी को कर बुलंद इतना के हर तकदीर से पहले खुदा बन्दे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है '' का चरबा करके चने के झाड़ पर ये शेर निकाला था शेर में एक शब्द उन्होंने अपनी फितरत के हिसाब से असंसदीय लिया था हालंकि वो शब्द शेर की जान है पर मैं उसे नहीं दे पा रहा हूं केवल प्रतीक से काम ले रहा हूं ।
चढ़ा दो झाड़ पर उसको चने के और फिर पूछो
बता तो #### के तू भला उतरेगा अब कैसे
हालंकि शेर बहर से बाहर बनाया है पर मिर्जा काथा कि जो हमने लिखा वो ही व्याकरण है अब मिर्जा के इतने भी बुरे दिन नहीं आए हैं कि हजार साल पुरानी व्याकरण पर शेर क कहना हें ।
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1 comment:
अगर ##### का मतलब भोंसड़ीके है तो आप हमें कितने नंबर देंगे?
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