Saturday, 2 February 2008

दिल की चूल हिली देखी तो

दिल की चूल हिली देखी तो हमने तेरा नाम लिया
दफ़न कबर में करने की भी उन ने रस्म बनाई क्या

(मरहूम दोस्त और अजीमुश्शान शायर हरजीत से माफ़ी सहित)

2 comments:

मुनीश ( munish ) said...

ये जो ' उन ने ' है जो इसे न समझे वो घुन्ने ही होंगे ! वाह!!

विजयशंकर चतुर्वेदी said...

शेर पढ़ के तो अपनी कमर की चूलें हिल गयीं जनाब!