Tuesday, 8 April 2008

शिकवा ऐ इंतज़ार....


फलक पर सितारों को नींद रही है .....
फलक पर सितारों को नींद रही है .............
तेरी ऐसी की तैसी तू अब रही है !

3 comments:

Unknown said...

वाह -
सस्ते मयखान्वी सायरी क्या खेल दिखा रही है
मेल बॉक्स चेक कीजियेगा,एक मेल आ रही है

दीपक said...

munish jee अरबी मे कहे !!!

वल्लाह वाजिद वाजिद जेन ! मरहबा

अमिताभ मीत said...

क्या आलम है. वाह वाह !