कभी डाला है डाका औ कभी बटुआ उड़ाया है
किसी मरहूम नेता का मेरे सर पर भी साया है
कोई 'मोटी' असामी सामने आई तो दिल बोला
बहारों फूल बरसाओ, मेरा महबूब आया है
----पॉपुलर मेरठी
Saturday, 12 April 2008
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महंगाई के दौर में एक राहत की सांस
3 comments:
कभी डाला है डाका औ कभी बटुआ उड़ाया है
किसी मरहूम नेता का मेरे सर पर भी साया है
बहुत खूब
वाह ! वाह !
बहुत ऊचे जाओ गे बरखुर दार
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