Thursday, 17 April 2008

मेरे दील मे समायी है

तु मेरे दील मे कुछ इस तरह समायी है ""
जैसे बाजरे के खेत मे भैस घुस आयी है "

4 comments:

इष्ट देव सांकृत्यायन said...

ये तो नाक में खतरे वाली बात दिखाई देती है.

मुनीश ( munish ) said...

sundar upma vaah vaah!

विजयशंकर चतुर्वेदी said...

too mere khet men kuchh karke jo ab ayee hai, le qasam ye ibtida-e-shanashaayee hai.

राज भाटिय़ा said...

अजीब जवर्दस्ती हे, भाई दिल खाली हो ना हो ?