भाइयो और बहनो, जो भाइयो और बहनो पर बिंदी लगाते हैं उन्हें मुबारक!
पेल-ए-खिदमत है यह ऐतिहासिक शेर जो हमें हमारे गुरूजी सुनाया करते थे। नाम नहीं खोलूंगा क्योंकि अब वह वफ़ात पा चुके हैं। वैसे यह बताने में कोई गुरेज नहीं है कि वह महाराष्ट्र सरकार में वसंतदादा पाटिल से लेकर वसंतदादा के चेले शरद पवार के मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुके हैं. हिंट केवल इतनी मिलेगी कि वह हिन्दीभाषी थे.
अब शेर वही रिक्तस्थानों की पूर्ति वाला:-
इश्क़ वो खेल नहीं है मियाँ कि लौंडे खेलें,
.... .....फट जाती है सदमात के सहते-सहते।
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10 comments:
भाइयो और बहनो पर बिंदीं लगानें वालों को एंक लांत मेंरीं तंरफ़ सें भीं. क्यां बांत कंह डांलीं आंपनें.
बिन्दी लगाना सीखो ओ बिन्दी लगाने वालो
हिन्दी लिखना सीखो, ओ कद्दू खाने वालो
बेहतरीन प्रस्तुति. मज़ा आया और लेंडी तर हुई सो अलग!
इश्क को तो रहने दीजिये.. हमारा तो शेर पढकर ही बुरा हाल है.. वैसे हमे लगा की दो शब्द भरे जायेंगे वरना एक आध तो हम भी लिख देते...
दईया री दईया केसी केसी रिक्तस्थानों की पुर्ति करवाता हे यह सस्ते शेर वाला,
भाई आप का शेर पढ कर हम तो बेदम हो गये,**झोली** तो हो नही सकती
इश्क़ वो खेल नहीं है मियाँ कि लौंडे खेलें,
पौ/ आँख?....फट जाती है सदमात के सहते-सहते। हा हा हा अब वो मैं नहीं लिखुंगा जो आप लिखाना चाहते हैं...पर शेर दमदार है भाई....
इश्क़ वो खेल नहीं है मियाँ कि लौंडे खेलें,
पौ/ आँख?....फट जाती है सदमात के सहते-सहते। हा हा हा अब वो मैं नहीं लिखुंगा जो आप लिखाना चाहते हैं...पर शेर दमदार है भाई....
इश्क़ वो खेल नहीं है मियाँ कि लौंडे खेलें,
पौ/ आँख?....फट जाती है सदमात के सहते-सहते। हा हा हा अब वो मैं नहीं लिखुंगा जो आप लिखाना चाहते हैं...पर शेर दमदार है भाई....
इरफ़ान भाई ,
आपका भी - " सर सजदे में, ....... दगेबजी में " ?
हम बोलेगा तो बोलोगे कि बोलता है !!
हमाम मे सभी नंगे है आपको पता है "
पर लिख नही सकते यही खता है "
@ Aflatoon- Bhai ummeed hai ki jab aap ghaur se dekheinge to Vijashankar Chaturvediji ko sajde mein paayeinge. Aap mujh par naahaq khafaa hain! "khel bigaade bulbul...maaraa jaaye gadahaa?"
फटे क्य टांग अड़ाना ?
वैसे आनंद रहा...
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