Tuesday, 29 April 2008

वादे पे .........


वादे पे उन के कैसे पूरा यकीं करूँ
कसमें वो खा रहे थे मगर सोच सोच के ...

2 comments:

मुनीश ( munish ) said...

ye oonchi baat hai dost! sasti na kaho.

अनूप भार्गव said...

अब इसे दाद समझा जाये या खाज़ ?

धन्यवाद मुनीष ..