कई बार खुदा से बड़ी मासूम सी गुजारिशें की जाती हैं और ये गुजारिशें होती भी ऐसी हैं कि वो भी बिचारा मुश्किल में पड़ जाता है कि अब क्या किया जाए
या खुदा निगाहे नाज़ पर लायसेन्स क्यों नहीं
ये भी तो कत्ल करती हैं बन्दूक की तरह
महंगाई के दौर में एक राहत की सांस
2 comments:
वाह क्या खूब
अच्छा है बन्धु ....
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