Friday 7 March 2008

कितनी मासूम सी ग़जारिश है

कई बार खुदा से बड़ी मासूम सी गुजारिशें की जाती हैं और ये गुजारिशें होती भी ऐसी हैं कि वो भी बिचारा मुश्किल में पड़ जाता है कि अब क्‍या किया जाए

या खुदा निगाहे नाज़ पर लायसेन्‍स क्‍यों नहीं

ये भी तो कत्‍ल करती हैं बन्‍दूक की तरह

2 comments:

Tarun said...

वाह क्या खूब

VIMAL VERMA said...

अच्छा है बन्धु ....