Saturday 15 March 2008

ग़ुस्से में गायक मुकेश उर्फ़ गाली का गाना!


आम और ख़ास में एक फ़र्क़ शायद यह भी है कि आम भावना गाने को गाली की तरह गाती है और ख़ास आदमी गाली देते-देते रुक जाता है.
भाई अशोक पांडे ने मेरा ध्यान इस ओर दिलाया कि सुनिये मुकेश अपनी महबूबा से ख़फ़ा तो हैं कि उसने उनका दिल तोडा, लेकिन ख़फा होकर भी वो "तेरी ##ं%$# की $#@?%$" कहने के बजाय क्या कह रहे हैं!


फिल्म हरियाली और रास्ता का यह गाना सागर चंद नाहर ने मेरे अनुरोध पर मुझे भेजा है. आभार.

Photo curtesy: Photonet

2 comments:

Vikash said...

सुंदर गीत :)

सागर नाहर said...

इस तरह से तो कभी सोचा ही ना था.. :)