Sunday, 16 March 2008

खबरदार!!


ब्लूगिस्तान के तमाम बाशिंदों को आज ये मानने में भला क्यों उज्र होगा के सल्तनत - -ब्लूगिस्तान में 'सस्ता शेर' ने आज जो क़ामयाबी , जो तरक्की हासिल की है और एक अहम् सूबे के तौर पे जो मकाम चूमा है , उससे बड़े -ब्बडे ब्लोगमखान रश्क करते हैं ! गवाह है ब्लॉग की बायीं बगल में पैबस्त वो मीटर जो हर घड़ी उन सैलानिओं का हिसाब रखता है जिन्होंनें अपने मुबारक़ कदम इसकी सरज़मीन पे रखे हैंअपनी पुरानी रवायतों के मुताबिक 'सस्ता -शेर' हर सैय्याह का खैर -मक्दम करता है मगर आज आगाह भी कर देना चाहता है ऐसी ताकतों को जो महज़ दिल्क़शी के वास्ते यहाँ तशरीफ़ लाते हैं और बगैर कोई दाद दिए ब्लूगिस्तान की पतली गलियों में खो जाते हैं अपनी बेमुरव्वत शख्सीयत के साए में लिपटे-चिपटे ! शेरों को पसंद करके भी बगैर दाद दिए जाने वालों की खातिर ये ऐलान आज हर खासो - आम सुने :

अंड -बंड प्रचंड धनिया पुदीना लहसन प्याज
दाद दिए बिन जो निकले होवे उसको खाज !!

6 comments:

Unknown said...

जो हुकुम आलमपनाह - [वाह ताज .. वाह ताज.. तुम कभी बनो मजाज , छीलते रहो प्याज] - तख्लिया

azdak said...

वाह खाज, वाह खाज.. कहें? कहना सही होगा?

Sarfraz said...

Huzur ki baat nirali
Muskarahat ko hansi banali
Rahi hath mein chai ki pyali
Uchhali koodi machali thirki
Ho gayee bin piye hi Khaali

Anonymous said...

वाह मुनीस भाई, आपके कलाम के क़ायल हो चुके. ऐसा बेदर्द सेर मारा है कि उफ भी न कर सके

कुछ अशआर पेश हैं

अंड-बंड-प्रचंड, पालक, मैथी, मूली
करता है वाह-वाह, या चढ़वा दूं सूली

इरफ़ान said...

वाह भाई वाह- आपने प्रेरित किया....


अंड-बंड-प्रचंड तो है नजर आपकी तेज है

सेर है,सवा सेर है, कलम है औ खाली पेज है.

मुनीश ( munish ) said...

थंक यू ऑल ....यो... आई वुड लाइक टू थंक इरफान फॉर गिविंग मी दिस वन्दरफुल ओप्परतुनिटी टू शैर माय लवली शेर विथ यू आल........ यो !!....