Saturday, 29 March 2008

मयख़ानवी का बचपन !


था बचपन भी क्या खूब के 'मयख़ानवी' बड़े लाड़ में रहा
फिर तो उम्र तमाम बस दाल रोटी रायते के जुगाड़ में रहा !

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