Thursday, 27 March 2008

वफ़ा की तलाश में 'शमशान' जा रहे थे

'सस्ते शायरों के बादशाह' बिल्लू बादशाह के बारे में मैंने पहले बताया था. उनका एक और शेर 'सुनिए'...

इंसान के कन्धों पर इंसान जा रहे थे
कफ़न में लिपटे कुछ अरमान जा रहे थे
जिन्हें मिली थी बेवफाई हमेशा प्यार में
वफ़ा की तलाश में 'शमशान' जा रहे थे

6 comments:

Unknown said...

vaah - maar hee daalaa [ :-)]

अमिताभ मीत said...
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अमिताभ मीत said...
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अमिताभ मीत said...

इसको सस्ता कह रहे हैं मालिक तो ... ज़रा मुश्किल है. फ़िलहाल हम तो बिल्लू बादशाह पे क़ुर्बान जा रहे हैं.

VIMAL VERMA said...

कमाल का शेर लाये हैं जनाब..दिव्य है

रश्मि प्रभा... said...

वाह...झूम गए इस शेर में