Thursday, 13 March 2008

दीवान इक्क दीवाने का !!


मेरा 'दीवान ' है आबनूस का ये कोई खटिया नहीं है
हाँ शेर हैं कुछ सस्ते ज़ुरूर मगर घटिया नहीं हैं !!!

2 comments:

Shiv said...

वाह! वाह! विजय शंकर जी ने थानेदार का जिक्र किया और आपने 'दीवान' का...सस्ता शेर घटिया हो भी नहीं सकता...

'शेर' सस्ता है अगर तो गम नहीं
फिर मंहगे गीदड़ से ये कम नहीं

अमिताभ मीत said...

सस्ते शेरों के फिराक़ में छब्बीस लोग बीमार हुए
घटिया भी गर होने लगे ये ... खटिया खड़ी नहीं होगी ?