Thursday, 27 March 2008

बोतल बनाम पव्वा




बोतल से नहीं परहेज़ मुज्को मगर......
बोतल से नहीं परहेज़ मुज्को मगर......
पव्वा ज़रा TRENDY है , खीसे में समा जाय है ये आइटम घना HANDY है !!
--मयखान्वी

2 comments:

Unknown said...

bilkul dekha jee - ye len
बैठ के पीने का मज़ा बोतल के दम से है
पउवे की महफिलों में राशन जो कम से है
[ और चश्मा धुंधला होना भी ज़रूरी है [ :-) ]

विजयशंकर चतुर्वेदी said...

ताड़ी-माडी पीते-पीते घूमूं रे सांवरिया,
बोतल-पव्वा करते-करते हो गयी मैं बावरिया.