Sunday, 30 March 2008

इश्क, इजहार, इंटरनेट

इश्क, इजहार, इंटरनेट (बड़ा अनुप्रास-मय है न!)...इनके बारे में पॉपुलर मेरठी साहब क्या कहते हैं....पढ़िए..

तौबा तौबा प्यार का इजहार टेलीफोन पर
दोस्तों से करना जिक्र-ए-यार टेलीफोन पर
चार आशिक कर रहे थे तस्करा माशूक का
एक जैसी गुफ्तगू थी चार टेलीफोन पर


इतने हकले थे कि हाल-ए-दिल न कह पाये मगर
अब धड़ा-धड़ करते हैं इजहार इंटरनेट पर
लाला मिट्ठन भी, मियां कल्लन भी बैठे हैं वहाँ
काटते हैं अपना सब इतवार इंटरनेट पर

6 comments:

इष्ट देव सांकृत्यायन said...

जिन्दगी, मौत, दोस्ती, वफ़ा,प्यार इंटरनेट पर
मिल रहे हैं इरफान और शिवकुमार इंटरनेट पर

मुनीश ( munish ) said...

mohabbat deserve karta hai ye shaayar! mahaan baat karta hai vaah!

राज भाटिय़ा said...

अब धड़ा-धड़ करते हैं टिपण्णी भी इंटरनेट पर
सच मे मजा आ गया इंटरनेट पर

राज भाटिय़ा said...

अब धड़ा-धड़ करते हैं टिपण्णी भी इंटरनेट पर
सच मे मजा आ गया इंटरनेट पर

azdak said...

ओहो.. बहुत खूब..

L.Goswami said...

सीखिए अच्छी बातें भी दो चार इंटरनेट पर
हम सिखाने बैठे हैं हर बार इंटरनेट पर



Lovely
lovelykumari.wordpress.com