Friday, 28 March 2008

नयन लडाऊ शेर !


तूफाँ से लड़-लड़ के ऐ मयखान्वी कश्ती सागर पार होती है
बच के रहना मगर उन नैनों से कि जिनमें धार होती है !

--मायाखान्वी

3 comments:

Admin said...

वाह वाह वाह वाह

Ashok Pande said...

वल्लाह, इन्हीं धारों से नैन लड़ाने हों तो सागर कौन ससुरा पार करना चाहेगा जनाब-ए-आला!

Unknown said...

कटार है जी !!!!