Thursday, 20 March 2008

रोहडू(हिमाचल प्रदेश ): फोटू - माला : भाग ३------ TRP की खातिर





'' पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाडों के कभी काम नि आनी '' चौकीदार परमेशरी निर्विकार भाव से बीडी
सुलगाते हुए कहता है । ''उसकी बात में दम है बॉस ! '' मेरा कजिन रोह्डू के ताज़े सेब का लुत्फ़ लेते हुए सुर में सुर मिलाता है । मैं हठेश्वरी मन्दिर के करीब बहती बिष -कुल्टी को देखते हुए हैरान होता हूँ की इसे विष की नदी क्यों कहा गया । ये भी तो और नदियों की तरह वनस्पति और पशु, पक्षी को पोसती है ,इंसान की भी प्यास बुझाती है । सेब , हठेश्वरी मन्दिर और प्रिटी जिंटा के अलावा रोह्डू का कोई और' क्लेम टू फेम ' नहीं है । सैलानी यहाँ कम ही आते हैं । गए साल ' रोड एंड्स हियर ' लिखे बोर्ड तक पहुँच कर हमने जाना की जगह का नाम टिर्की
है । आगे भी सड़क बनेगी बताते हैं ''चान्सल तक जैगी साब्ब जी , उधर दुनिया का सबसे बड़ा रिजोर्ट बनेगी बरफ का खेल की '' सड़क महकमे का ओवेरसीर कहता है । '' ''यानी हम लोग यहाँ सही टाइम पे आ गए बाऊ जी वरना कल को यहाँ भी वही रंड -रोना शुरू हो जाना हैगा '' कजिन हिमांशु कहता है और मैं सब पहाडों की इक्लोती पसंद capstan का कश खींचते हुए कहता हूँ '' बात में दम है बॉस'' !

5 comments:

इरफ़ान said...

Bahut achhaa ji.

Unknown said...

मुनीश जी -
पेड़ पत्थर दिखा रहे हैं, मन्दिर दिखा रहे हैं
उसको छुपा रहे हैं, जिस नाम बुला रहे हैं
[ होली मना रहे हैं ?]

मुनीश ( munish ) said...

matlab preity zinta?
chhap denge ji.

Anonymous said...

सस्ता शेर कहके मुनीश हमको बुला रहे हैं
पेड़, पत्थर और नाले फिर हमको दिखा रहे हैं।
रोहडू में डाल बोझा कहीं यूँ ही जा रहे हैं
capstan का कश है खींचते, नही हमको दिखा रहे हैं।
कैसे बिना कलर की ये होली मना रहे है
सस्ता शेर कहके मुनीश हमको बुला रहे हैं

Admin said...

आपने तो हमारे दिल को छू लिया.....