Tuesday, 25 March 2008

या नया कोई तमाशा है ...

अर्ज़ किया है :

वो मैय्यत पे मेरी आये और झुक के कान में बोले
सचमुच मर गये हो या नया कोई तमाशा है .........




अनूप भार्गव

8 comments:

Ashok Pande said...

अच्छा है!

मुनीश ( munish ) said...

hai hi ji! aya kariye vah vah!!

PD said...

bahut badhiya hai ji..

Admin said...

उन्होंने सही पहचाना

इष्ट देव सांकृत्यायन said...

लगता है कोई अच्छे जानने वाले थे.

Unknown said...

बढ़िया तमाशा है जी - वाह -

रश्मि प्रभा... said...

[:)]
.........मज़ा आ गया.

दीपक said...

बहूत बढिया,

तरकीब मिल गई जिन्दगी तुझे हसाँने की ""
मौत क्या फ़कत अब एक तमशा है """