महफिल में एक शेर अर्ज़ है.दो पैग पीने के बाद.
हम को भी रम ने मारा , तुम को भी रम ने मारा
हम को भी रम ने मारा , तुम को भी रम ने मारा
हम को भी रम ने मारा , तुम को भी रम ने मारा
आओ ये पव्वा खतम कर, हम रम को मार डालें
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
6 comments:
यार पव्वा तो अकेले आपके लिए ही कम पड़ जाएगा. हमें क्यों न्यौता देते हैं?
पीकर रम तुम चाहे बोलो दील के सच हजार ”
लोग कहेंगे चढाकर आये है सरकार ”
ziyaada nahi kam piyo
lekin only rum piyo!
ye isht bhai ke liye hai.
परुली के दाज्यू, दो पैग में बेहोश?
रम पम पोश, रम पम पोश, [ :-)]
रम रम !
बहुत बेहुदा शेर है ये तो ....
munish bhai
apki baat sar-ankhon par
Post a Comment